अशोक महान
1837 में जेम्स प्रिंसेप द्वारा मौर्य कालीन अभिलेख पढ़ें गए । देवानांपिय पियदस्सी राजा की सम्राट अशोक के रूप में पहचान उनके द्वारा ही की गई। बौद्ध स्त्रोत बताते हैं कि वह अपने सभी प्रतिद्वंद्वीयों को मारकर गद्दी पर बैठा। संभवतः इसमें कुछ सच्चाई भी हो क्योंकि अशोक का राज्याभिषेक उसके गद्दी पर बैठने के चार वर्ष बाद हुआ।
1837 में जेम्स प्रिंसेप द्वारा मौर्य कालीन अभिलेख पढ़ें गए । देवानांपिय पियदस्सी राजा की सम्राट अशोक के रूप में पहचान उनके द्वारा ही की गई। बौद्ध स्त्रोत बताते हैं कि वह अपने सभी प्रतिद्वंद्वीयों को मारकर गद्दी पर बैठा। संभवतः इसमें कुछ सच्चाई भी हो क्योंकि अशोक का राज्याभिषेक उसके गद्दी पर बैठने के चार वर्ष बाद हुआ।
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